धरा पर जीवन संघर्ष के लिए है आराम यहाँ से विदा होने के बाद न चाहते हुए भी करना पड़ेगा इसलिए सोचो मत लगे रहो, जितनी देह घिसेगी उतनी चमक आएगी, संचय होगा, और यही निधि होगी जिसे हम छोडके जायेंगे।
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शुक्रवार, 7 जून 2019
पगडंडी
असंख्य पांवों की
ठोकर खाने के बाद
सघन के अंदर
पगडंडी बन जाती है
सुगम राह
किसी की मंजिल के लिए
खुशियों के लिए।
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