अडिग शब्दों का पहरा
धरा पर जीवन संघर्ष के लिए है आराम यहाँ से विदा होने के बाद न चाहते हुए भी करना पड़ेगा इसलिए सोचो मत लगे रहो, जितनी देह घिसेगी उतनी चमक आएगी, संचय होगा, और यही निधि होगी जिसे हम छोडके जायेंगे।
Pages
▼
गुरुवार, 11 अप्रैल 2024
शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024
शनिवार, 9 मार्च 2024