बात है राष्ट्र एकजुटता की
बात है भारत पुष्ठता की
देश हेतु ज्योति फैलाऊंगा
हाँ मैं दीपक जलाऊंगा
निराशा के तिमिर घेरे में
मेरा देश घिर न पाए
इस महा संकट के तम से
भाई हमारा उबर के आये
महामारी के इस समर में
मैं आपका साथ निभाऊंगा
हाँ मैं दीपक जलाऊँगा
आशा का एक ज्योति पुंज
भरोसा पथ उज्जास के लिए
संकट से लड़ते कर्म वीरों के
हौंसला शक्ति सामर्थ्य के लिए
भारत विजय हो कोरोना से
कर्मो की एक लौ बिखराऊँगा
हाँ मैं दीपक जलाऊँगा।
@ बलबीर राणा 'अड़िग'
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंहम सभी देशवासी मिल कर प्रधानमन्त्री की आवाज पर
अपने घर के द्वार पर 9 मिनट तक एक दीप प्रज्वलित जरूर करें।
सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सृजन ।
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