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शनिवार, 2 सितंबर 2023

गजल



पाने के लिए ख्वाहिश होनी चाहिए,
मिल जायेगा कोशिश होनी चाहिए।

ख़्वाब देखने की मनाही नहीं परन्तु,
पूरा करने को आजमाइश होनी चाहिए।

हाथ पकड़ लेंगे पकड़ने वाले चाहोगे तो,
हाथ पकड़ाने की गुजारिश होनी चाहिए।

फौलादी इरादे, बुलंद होंसले सब कुछ हैं,
मगर मंजिल की महा कोसिस होनी चाहिए।

कितना ज्ञानवान गुणवान क्यों नहीं आजकल,
पर फिर भी सिफारिस होनी चाहिए।

दिखती नहीं ईमानदारी इस जमाने में सहज़
ईमानदारी की भी नुमाइश होनी चाहए।

गर्जवानों की गर्ज में गरजके अडिग,
गरिमा की भी गुजारिश होनी चाहिए।

9 अगस्त 2023
✍️✍️✍️@ बलबीर राणा 'अडिग'

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