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शनिवार, 9 मार्च 2024

हमारा महादेव है



 लय भी है, प्रलय भी है

कला भी है, काल भी है

जटाधारी, बाघम्बरी 

डमरू बाजगी, त्रिशूल धारी

नील वर्ण, नील कंठ

पवित्र गंगाजल के स्रोत

विष समन कर्ता

भक्त वत्सल 

जो श्रेष्ठ श्रेयकर देवाधिदेव है 

वह हमारा महादेव है।


@ बलबीर राणा अडिग 

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