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गुरुवार, 1 अगस्त 2024

परिवार




जहाँ प्रेम की अराधना
संस्कारों का पूजन
संस्कृति की संभाल
परम्पराओं का संवर्धन
खुदगर्जी खुदमर्जी का तिरिस्कार
मान मर्यादा का पालन होता है
वह सनातनी परिवार होता है।

ना फसाद ना मनमुटाव
ना ही अपने हित का रुदन
नहीं थोपी जाती इच्छा
नहीं रहता भावनाओं में क्रन्दन
जहाँ समावेशी संभाव से
कष्ट और कर्मों का शोधन होता है
वह सनातनी परिवार होता है।

जहाँ रिश्ते केवल निभते नहीं
अपनत्व का ऋण चुकाया जाता है
अपनों के सुख दुःख के खातिर
जीवन खपाया जाता है
जहाँ एक दूजे को देख मुख निवाला जाता है
वह भारतीय परिवार होता है।

जहाँ किसी को घर पहुँचने की वैचेनी रहती
किसी के घर ना पहुँचने पर अधीरता रहती
एक के पेट के लिए दूजा का पेट भर जाता है
एक की जरुरत, दूजे को जरूरी हो जाती है
जहाँ अपना श्रम परिवार के सुख को होता है
वह भारतीय परिवार होता है।

जहाँ बड़ों का हुकुम, छोटों की होती हामी
बड़ों का मार्गदर्शन, छोटे होते पथगामी
घर की मर्यादा को, सब रहते हैं समर्पित
परिवार की संपन्नता को होते हैं अर्पित
जो मनसा वाचा कमर्णा का द्योतक होता है
वह भारतीय परिवार होता है।

@ बलबीर सिंह राणा 'अडिग'
13 जुलाई 2024
ट्रेक जंक्शन 
18000'

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