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रविवार, 26 मई 2013

त्वे डोला मां बिठैकी लि जोला


आज नीथ भोल भूमियाल देणु होलू

अबेर सबेर तेरी देलीमां खुटी धरूलू


शेरा बांधी सजी धजी, घोडी मां बैठी ओलू


त्वे डोला मां बिठैकी लि जोला


 त्वेतें ही दूर परदेश अयुं चा


दुष्मन की गोलीयों का बीच सम्भलणु चा


तेरा सौ श्रृंगार का वास्ता दिन रात चाकरी करी


आपणा आज मां तेरू भोल तें सजुला


त्वे डोला मां बिठैकी लिजोला


 सजी रख्यिां अपणी माया की कुडी


सोरी धरिय्यां प्रीत कु बाटू


अपणा प्रेम का रगां ल तेरी मांग भरूला


ऊँचा निचा रंगीला डांडीयों मा


त्वे दगडी रांस रचूला


त्वे डोला मां बिठै की लिजोला


 मेरी कल्पना तें कल्प ना हूण देई


माया का ताल तें सुखण ना देई


उडदा पंछियों मां रैवार भेज णुचा


अपण ज्यु कु उमाल चिठ्ठी खतेणु चा


मंगसीर मैना छुटी ओला


त्वे डोला मां बिठैकी लिजोला


 ये बोर्डर मा तेरी तस्बीर दगडी बच्याणु रैन्दु


कभी हैसणु कभी उदास ह्वे जान्दु


दिन ख्यालों और राति स्वेणा मा तू रोंदी,


अब झट ये इकुलांस तें बिदा कैरी द्योला


त्वे डोला मां बिठै की लिजोला


 14 फरवरी 2013


गीतकार -: बलबीर राणा भैजी



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