जयति जयति हिन्दोस्तां भारत विशाला
शान से लहराता रहे ये तिरंगा हमारा
जयति जयति माँ वसुंधरा आर्यावर्त हमारा
सुख समृद्धि से उन्नत रहे हिन्दोस्तां हमारा
सत कर्मो की सेवा जगे सुत कर्मवीर हो
तेरा हर पुत्र भारत माता राष्ट्रधर्म वीर हो
जीवन जुगति प्रगति की हो सब दुर्भाव मिटे
हृदयों में उन्नति के बहु भाव जगे
श्रम शक्ति श्रीमन हो, सब मुख सुख निवाला
शान से लहराता रहे ये तिरंगा हमारा
कश्मीर से कन्याकुमारी सुकुमार बलवान हो
मणिपुर से कच्छभुज भुजा शूर शक्तिमान हो
बिलग पंथ जातियों से गुंथी यह विपुल माला
श्रेष्ठ मनुजता का सूत्र यह अतुल्य धागा
हिन्दू मोमिन सिख ईसाईयों की एक धारा
शान से लहराता रहे ये तिरंगा हमारा
दुःख कराल कष्ट ना हो, ना रहे कोई बेचारा
सब धर्मो का मान रहे न चुभे कोई कारा
भाई बंधुत्व की अड़िग भीत, दुर्ग अभेद्य हो
महालोकतंत्र के देश में न कोई विभेद हो
देश क्षितिज के पार तपाये ताप हमारा
शान से लहराता रहे ये तिरंगा हमारा।
गीत : बलबीर राणा 'अडिग'
शान से लहराता रहे ये तिरंगा हमारा।
जवाब देंहटाएंNamskar Bhasker Sirji, jai hind
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