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गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

दीमकी हमला


अब कोई आशा ही नहीं ?
बचने का रास्ता ही नहीं

सुना था परमाणु हमला
तीन पीढ़ियों को विक्लांग करता
लेकिन ये कौन सा हमला हुवा
जो पूरे युग को विक्लांग कर गया
इतिहास के किसी भी पन्ने पर
ऐसा आहिस्ता दीमकी हमला अंकित नहीं देखा
जो धीरे धीरे कुरेद जड़ नष्ट कर दे
और आने वाली पीडी
जीवन भर दूसरी संस्कृति की वैशाखी पर
चलने को मजबूर हो।

जागो भारत जागो
मत इण्डिया बन कर भागो
हिन्दी बचेगी बचेंगा भारत भी
बचेंगे हम भी।

चिंतन :- बलबीर राणा "अडिग"
© सर्वाधिकार सुरक्षित "अडिग शब्दों का पहरा"
www.balbirrana.blogspot.in

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