आशाओं के दीप जले
जीवन उन्नति पथ बढ़े
निश्चल गंगा धार सी धवल
भावनाओं की पाती बहे
महके जीवन वाटिका
खुशियों का मृदंग बजे
आगोस में हो प्रेम बन्धन
नव वर्ष आगम अभिनंदन।
उन्नत हो खेत खलियान
बाग-बगवान खूब फले
हरित रहे धरा माँ आँचल
हर घर सुत समभाव पले
राष्ट्र हित में कर्म साध्य हो
नव सृजन कीर्तिमान गढ़े
न हो आपदों का क्रंदन
नव वर्ष आगम अभिनंदन।
न छिने किसी बाल का बचपन
वृद्धों का ससम्मान बना रहे
मान मर्यादा जन पल्लवित हो
मानवता हर हृदय गम रहे
देश प्रतिभा विश्व पटल छाये
ज्ञान विज्ञान परमचम लहराए
महकता रहे भारतवर्ष आँगन
नव वर्ष आगम अभिनंदन।
आगम = आविर्भाव
@ बलबीर राणा ‘अडि
1 टिप्पणी:
बहुत अच्छी सुविचार प्रस्तुति
नववर्ष की मंगलकामनाएं!
एक टिप्पणी भेजें