बुधवार, 24 मार्च 2021

शहीद को सलाम



दुर्गन्ध गुलामी की उबाती होगी
सुगंध माटी की ललचाती होगी
कैद में बंद माँ भारती की घुटन
परवानो तुमको तड़फाती होगी
 
जंजीरों में जकड़े भारत का क्रंदन 
तुमसे देखा नहीं गया होगा
खुली हवा में सांस लेते भारत को
सपनो में तुमने देखा होगा।
 
कराह भारतियों की विथाती होगी
दुर्गन्ध गुलामी की उबाती होगी
 
माटी का कर्ज चुकाया तुमने
पुत्र होने का फर्ज निभाया तुमने
स्व को त्याग बलिदान दे करके
रंग दे बसंती चोला पहना तुमने।
 
फिरंगियों देख भौंहे चढ़ती होगी
दुर्गन्ध गुलामी की उबाती होगी
 
फांसी के फंदे पर झूलते समय
मुस्कान भारत की देखी होगी
इस लिए झूल गए खुशी-खुशी
कितनी अनोखी मौत वह होगी।
 
माँ भारती जणगनमण सुनाती होगी
दुर्गन्ध गुलामी की उबाती होगी।
 
शत शत नमन शेर ए हिन्दो
शीश झुका तुम्हें सलाम
धरती पुत्रों की शादाहत को
अडिग का कोटिस प्रणाम ।

@ Balbir Singh Rana 'Adig' 
#adigshabdonkapehara

शनिवार, 20 मार्च 2021

प्रेम की शक्ति



मेरा देश मेरी मिट्टी 

मेरी दृष्टि मेरी मेरी सृष्टि

न उच्चाट 

न खट्टास 

एक आदेश 

आदेशानुसार भेष

थार मरुस्थल में थीर 

रन ऑफ कच्छ में धीर 

सियाचिन ग्लेशियर में अडिग 

हिमालय  हिमशिखरों में अटल 

उत्तरपूर्व सघनों में सतर्क 

समुद्री तटों पर तठस्थ 

कहीं भी मन नहीं उचटा

कहीं भी दिल नहीं हटा

काठ की भूमि में काठ बन 

चलता रहा

आत्मसात करता रहा

महान राष्ट्र की 

विधिद्द जलवायु को, 

लू, उमस, शीत लहर

कुछ भी तो नहीं चुभा

क्योंकि यह प्रेम की शक्ति है 

वर्दी और

माँ भारत माता के प्रेम की।


@ बलबीर राणा अड़िग