राष्ट्र का सरताज गया है
उत्तराखंड का लाल गया है
गम बहुत है जाने का पर !
प्रेणा का साज नहीं गया है।
शोक में गमगीन जरूर हैं
कुछ असहाय जरूर हैं
झुकने नहीं देंगे भारत पताका
आपके सारथी हम मगरूर हैं।
नमन है वीर तेरे प्रारब्ध को
नमन है तेरी कर्म पाती को
लाखों जो वीर खड़े किए तूने
प्रज्वलित रखेंगे भारत माटी को।
@ बलबीर राणा ‘अडिग’
1 टिप्पणी:
देश के सर्वोच्च कमांडर को समर्पित बहुत सुंदर सराहनीय सृजन ।
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