बुधवार, 8 दिसंबर 2021

श्रद्धा की पाती




राष्ट्र का सरताज गया है

उत्तराखंड का लाल गया है

गम बहुत है जाने का पर !

प्रेणा का साज नहीं गया है। 


शोक में गमगीन जरूर हैं

कुछ असहाय जरूर हैं 

झुकने नहीं देंगे भारत पताका

आपके सारथी हम मगरूर हैं। 


नमन है वीर तेरे प्रारब्ध को

नमन है तेरी कर्म पाती को

लाखों जो वीर खड़े किए तूने

प्रज्वलित रखेंगे भारत माटी को।


@ बलबीर राणा ‘अडिग’


1 टिप्पणी:

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

देश के सर्वोच्च कमांडर को समर्पित बहुत सुंदर सराहनीय सृजन ।