पूरब से निकली किरण
अधरों पे मुस्कान लिए बोली
उठो अलस भगाओ, देखो बाहर
रंगों में रंग कर आयी होली।
अबीर गुलाल पिचकारी लेकर
खड़ी है हुलियारों की टोली
उल्लास बरस रहा है चहुँ ओर
बासंती फुहार लेकर आयी होली।
छोड़ो कल की बातें, गले मिलें
मेरा तेरा अब तक बहुत हो ली
मन का विश्वास दिलों में प्रेम
भाईचारा लेकर आयी होली।
रंगी है धरती रंगे हैं चौक चौबारे
सजी है बिलग रंगों की रंगोली
मधुमास है, पकड़ो प्रेम झर रहा है
आनंद की प्याली पिलाने आयी होली।
@ बलबीर राणा ‘अडिग’
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1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर।
रंगों के महापर्व होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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