जै बाटा तुम हिटण लग्य्यां
वे बाटा हमल ढुंगु फरक्याली भूला।
जै स्कूल मा तुम पढण लग्य्यां लग्य्यां
वखी बटी हम मास्टर रिटायार ह्वेगी भूला।
जै गाढ कु पाणी तुम पीण लग्य्यां
वख बटी हम तिसाला रैग्य्यां भूला।
घाम ला पुरब बटी आण
जून ला राती मा रिसाण
क्वी नी उडी अशमान मा भूला।
जु आशमान मा उडी
वेन भी भुय्यां बेठण भूला।
सास्वत सत्य भुय्यां मा ही रैन्दु
द्वि दिन की जिन्दगी चा
अपणु समझी रैणु भूला।
माटी और थाती की लाज इनी रैन्दा भूला।
.......बलबीर राणा "भैजी"
17 दिसम्बर 2012
17 दिसम्बर 2012
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें