रविवार, 30 दिसंबर 2018

फौजी की डायरी

नारे गूँज रहे थे
भारत माता की जय
बहादुर सिंह जिन्दावाद
बहादुर सिंह अमर रहे
पाकिस्तान मुर्दावाद,
तिरंगे पर लिपटे ताबूत की
सैन्य सम्मान से भव्य अंतिम यात्रा निकली
मंत्री संत्री समाजसेवक नितिनिर्धारक
मिडिया कैमरे
सभी की बड चढ़ कर हिस्सेदारी
सान्तवना ढाढस दौर
लाखों की मदद और परिवार का ठौर    
गाँव कस्बे द्वारा अश्रुपूर्ण श्रधान्जली
और !!
अंतिम क्रिया के बाद
होने लगी आगे होणी खाणी की बातें
पाने हतियाने की बातें
देखो देखो और, क्या कुछ है?
खोलो खोलो, बक्सा अटैची
कहीं तो होगा कुछ लेखा जोखा
कोई बोला
डायरी ढूंढो यार
डायरी मिली
एक नहीं तीन
लेकिन !!!
वो नहीं मिला जो ढूँढा जा रहा था
हिसाब किताब का पन्ना कोरा मिला 
और मिला
फौजी वाला फौलादी जिगर
जिजीविषा की अंतर्वेदना
वर्दी के अन्दर का सुकुमार दिल
अपनो के लिए प्रेम
एक नहीं चार-चार मोबाइल नंबर
उन सभी के
जो डायरी में ढूंढ रहे थे
अपना हिस्सा