रिमझिम रिमझिम, बरसना बदरियो
आना संभल संभल, कुछ ठहर ठहर।
मुंड में घास गडोली, टेड़ी हैं पगडंडियां
बाट मेरी अभी बाकी, आना पर रुककर।
झरना प्यार प्रेम से, गाड़ गदेरी न लाना
बचाना मेरी पुंगड़ी, मत मचाना कहर।
घाम अवसान पर, गोधूली का आगमन,
हो जाएगी रात मुझे, अभी दूर मेरा घर।
@ बलबीर राणा 'अड़िग'
Adigshabdonkapehara
Adigshabdonkapehara
आना संभल संभल, कुछ ठहर ठहर।
मुंड में घास गडोली, टेड़ी हैं पगडंडियां
बाट मेरी अभी बाकी, आना पर रुककर।
झरना प्यार प्रेम से, गाड़ गदेरी न लाना
बचाना मेरी पुंगड़ी, मत मचाना कहर।
घाम अवसान पर, गोधूली का आगमन,
हो जाएगी रात मुझे, अभी दूर मेरा घर।
@ बलबीर राणा 'अड़िग'
Adigshabdonkapehara
Adigshabdonkapehara
2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर रचना।
बहुत सुंदर रचना
मेरे ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है
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