बुधवार, 19 जून 2013

शरण्म ददा्मि





नि:शब्द जुवान
कोरी आँखे
तलाश अभी भी जीवन की ..
अपनों की
सन्नाटे की चीत्कार...रिक्त .....रिक्त
रिक्त ......आशा
शसंकित दिशा   
शिव शक्ति मौन
अवशेष त्राहिमाम का तांडव गा रही
भय से भागती आस्था
पुकारती !!!  
शरण्म ददा्मि ..... शरण्म ददा्मि…….

१९ जून २०१३ (शिव स्थली केदारनाथ की बिनाश लीला पर)
 ... बलबीर राणा “भैजी”
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