बुधवार, 2 जुलाई 2014

जीवन का एक सितारा


जीवन का एक सितारा
अंतस के तम से हारा
निराशाओं के भंवर में डूबा
आशाओं के हाथ से टूटा

अम्बर के हजार सितारे
हर रात टूटते वे प्यारे
अम्बर कभी ना शोक करे
नित नयें सितारों संग जगे

जो जाग गया वो पा गया
जो सो गया वो हार गया
आज भरा कल रीता
जो बीता वो जीता।

जीवन की रीत रही
उषा के लिए निशा जगी
हार गया जो छोड़ गया
जीत गया जो पकड़ गया

@ सर्वाधिकार सुरक्षित

कोई टिप्पणी नहीं: