मंगलवार, 12 नवंबर 2019

रक्षा का ध्रुव प्रमाण




जय के लिए जीवन देते हैं
विजय के लिए देते हैं प्राण
प्राण को प्रण सम्मुख रखने वाले
राष्ट्र रक्षा के हैं ध्रुव प्रमाण
धन्य है, वह माता जिसने जने पूत महान
पुनीत तिरंगे की शान, भारत के वीर जवान।

मृत्यु का कोई भय नहीं है
खपने का संशय नहीं है
बुझने का डर नहीं सताता
अगर मगर मन में नहीं आता
चिराग ये वेखौप जलते हैं
बर्फ पावश हो या तूफान
पुनीत तिरंगे की शान, भारत के वीर जवान।

न कभी माया ने रिझाया
न कभी ममता ने डिगाया
बहने न दिया अश्कों से पानी
बिकल न होने दी तरुण जवानी
कर्मवेदी पर निर्भीक अड़िग ये
निःसंकोच निकलते हथेली रखके जान
पुनीत तिरंगे की शान, भारत के वीर जवान।

कराल कष्टों को साध्य वे करते
भू विविधता को वाध्य वे करते
त्याग तप सब विवश हो जाते
वियोग वैराग्य नतमस्तक हो जाते
क्षोभ ग्लानि जिनके निकट न फटके
मांगा है मिट्टी से, मृन्तुंजय वरदान
पुनीत तिरंगे की शान, भारत के वीर जवान।

कृतज्ञ हैं उस मनोबल का
शस्त्र से सशक्त आत्मबल का
होके जिजीविषा के हजार विकार
कभी न किया कर्तव्यपथ का प्रतिकार
अर्पण समर्पण को, नमन है वीरो
तुम्ही ही हो हर कठिन कष्टों का निधान
पुनीत तिरंगे की शान, भारत के वीर जवान।

@ बलबीर राणा 'अड़िग'

4 टिप्‍पणियां:

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में बुधवार 13 नवम्बर 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

बलबीर सिंह राणा 'अडिग ' ने कहा…

हार्दिक आभार आदरणीया जी

शुभा ने कहा…

भारत के वीर जवानों को नमन 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
बहुत खूबसूरत रचना !

बलबीर सिंह राणा 'अडिग ' ने कहा…

जय हिंद शुभा जी हार्दिक आभार और धन्यवाद आपकी टिप्पणी से कलम को सबल मिला।