बुधवार, 26 जनवरी 2022

गणतंत्र दिवस




अरुणोदय हुआ चला,

प्राची उदयमान हुई।

माँ भारती के स्वागत को,

राष्ट्र उमंगें वेगवान हुई।।


माघ की मंगल बेला पर,

तिरंगा शान से फहरायें।

गणतंत्र के महापर्व पर

प्रीत से जनगण मन गाएं ।।


महापुरूषों के स्वेद से,

मकरन्द यह निकला है।

योद्धाओं के सोणित से, 

हमें लोकतंत्र मिला है।।


चित से उन महामानवों के,

बलिदान का गुणगान करें।

लोकतंत्र के महाग्रंथ का,

अन्तःकरण से सम्मान करें।।


पल्लवन इस वट बृक्ष का,

बुद्धि शक्ति तरकीब से हुआ।

तब इस सघन छाया में बैठना, 

हम सबको नशीब हुआ।


ज्ञान, भुजबल परिश्रम से,

शेष दोष-दीनता दूर करें।

रिक्त है अभी भी जो कोष 

चलो मिलकर भरपूर करें।


काम स्व हित संधान तक

यह लोकतंत्र का मान नहीं।

राष्ट्रहित निज कर्तव्यों को

आराम नहीं  विश्राम नहीं।


जग में माँ भारती की,

ऐसी ही ऊँची शान रहे।

अधरों पर तेरे भरत सुत,

जय भारत का गान रहे। 


@ बलबीर राणा 'अडिग'

6 टिप्‍पणियां:

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

चित से उन महामानवों के,

बलिदान का गुणगान करें।

लोकतंत्र के महाग्रंथ का,

अन्तःकरण से सम्मान करें।।.. गणतंत्र दिवस के सम्मान में बहुत सुंदर भावपूर्ण तथा सार्थक रचना ।गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं👏💐

शुभा ने कहा…

वाह!शानदार सृजन !

बलबीर सिंह राणा 'अडिग ' ने कहा…

धन्यवाद जिज्ञासा जी, शुभा जी

अनीता सैनी ने कहा…

महापुरूषों के स्वेद से,

मकरन्द यह निकला है।

योद्धाओं के सोणित से,

हमें लोकतंत्र मिला है... सच कहा।
शब्द शब्द मन को छूते।
सादर

Sweta sinha ने कहा…

अत्यंत भावपूर्ण ,देशभक्ति से ओतप्रोत सुंदर रचना सर।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २६ जनवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

गणतंत्र दिवस पर सभी के लिए शुभकामनाएं |