रविवार, 8 जनवरी 2023

उतणदंड उत्तराखण्ड

 


अनियंत्रित निर्माण हर प्रखण्ड

विकास की जद में खण्ड-खण्ड

आध्यात्म आस्था गई पानी भरने

जब से आया पर्यटन पाखंड।

 

लिखे जा रहे हैं विनाश शिलाखण्ड

कल केदार आज जोशीमठ दंड

सुरंग शूल कब तक सहेगी धरती

कल और कोई मठ होगा झंड।

 

क्याजी ब्वन ? कैमा ब्वन

उतणदंड उत्तराखण्ड ।

 

रचना : ©® बलबीर राणा अडिग

8 Jan 2023


4 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

बहुत सुन्दर अडिग जी

बलबीर सिंह राणा 'अडिग ' ने कहा…

आभार आदरणीय

Sudha Devrani ने कहा…

क्याजी ब्वन ? कैमा ब्वन

उतणदंड उत्तराखण्ड ।

सही कहा अब बोलकर भी क्या ही करना।।
पर्यटन पाखंड का नशा जो चढ़ा हैं कूड़ी पुंगड़ी की किसे परवाह है ।
बहुत सटीक ।
लाजवाब सृजन ।

बलबीर सिंह राणा 'अडिग ' ने कहा…

आभार सुधा जी