कर्म करते जाना रुकना नहीं,
जमके जीते जाना सोचना नहीं।
पहले या बाद छोड़ना ही है ये जहाँ,
मरने के डर से जीना छोड़ना नहीं।
छूटेगा जो यहाँ, वो सतकर्म होंगे,
इसलिए सतकर्मों से विरक्तना नहीं।
हम तो कर्ता हैं कराने वाला राम है
तो खुद को राम से दूर करना नहीं।
इच्छा नहीं इरादा रखना अडिग,
जीत होगी, भरोसा खोना नहीं।
@ बलबीर सिंह राणा 'अडिग'
9 फ़रवरी 2024
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