रविवार, 5 अप्रैल 2020

हाँ मैं दीपक जलाऊँगा



बात है राष्ट्र एकजुटता की
बात है भारत पुष्ठता की
देश हेतु ज्योति फैलाऊंगा
हाँ मैं दीपक जलाऊंगा

निराशा के तिमिर घेरे में
मेरा देश  घिर न पाए
इस महा संकट के तम से
भाई हमारा उबर के आये

महामारी के इस समर में
मैं आपका साथ निभाऊंगा
हाँ मैं दीपक जलाऊँगा

आशा का एक ज्योति पुंज
भरोसा पथ उज्जास के लिए
संकट से लड़ते कर्म वीरों के
हौंसला शक्ति सामर्थ्य के लिए

भारत विजय हो कोरोना से
कर्मो की एक लौ बिखराऊँगा
हाँ मैं दीपक जलाऊँगा।

@ बलबीर राणा 'अड़िग'

3 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर।
हम सभी देशवासी मिल कर प्रधानमन्त्री की आवाज पर
अपने घर के द्वार पर 9 मिनट तक एक दीप प्रज्वलित जरूर करें।

Onkar ने कहा…

सुंदर रचना

Meena Bhardwaj ने कहा…

बहुत सुन्दर सृजन ।