बुधवार, 18 मई 2022

अति बल खति




भय भूख और नींद

जितनी बढ़ाओ 

बढ़ती जाती है ।


भय हौंसला

भूख ईमान

और नींद, 

शरीर को 

बंधक बनाती है। 

इलै

अति नि कन

अति बल खति।


@ बलबीर राणा 'अडिग'

2 टिप्‍पणियां:

कविता रावत ने कहा…

इलै
अति नि कन
अति बल खति। .... अच्छि लगी अपणी गढ़वाली भाषा क शब्द

बलबीर सिंह राणा 'अडिग ' ने कहा…

धन्यवाद कविता बहनजी