जीवन का नेह निचोड़ गीत मातृभूमि के गाता है
तिरंगे वसन का प्रेमी वह शौर्य विजय की गाथा है
मौन क्षितिज चारों दिशाओं पर पूरा हिंदुस्तान है
भारत की शान है, वो वीर गढ़वाली जवान है ।
बावन गढ़ों की गढ़भूमि से जब कोई कंचन निकलता है
असाधारण सैन्य साधना से कालौं डांडा तपता है
निकलता फिर देश विदेश में शौर्य अपना दिखाने को
हर समर हर युद्ध भूमि पर छाप अपनी छोड़ता है
प्रथम विश्व युद्ध से वर्तमान तक गढ़े कई प्रतिमान है
भारत की शान है, वो वीर गढ़वाली जवान है ।
वीर दरवान गबर जसवंत के देश का वासी है
सघन वन दुर्गम ठौर प्राचीर प्रहरी सन्यासी है
भय न खाता झंझावतों से न फिक्र करता तुफानो की
कीट कीकर में फंख खोल उड़ने का अभ्यासी है
राष्ट्र रक्षार्थ कर्मवेदी पर रचा गया वो एक विधान है
भारत की शान है, वो वीर गढ़वाली जवान है ।
क्यों न दुःख कराल कष्टों भरा उसका जीवन संसार रहे
चाहे समर भूमि में धधकता शोला हाहाकार रहे
युद्धाय कृत निश्चय: आदर्श सर माथे पर रखता है
बद्री विशाल लाल की जय का, जय घोष करता है
रेड लाईन यार्ड वर्दी धारी औरों से जो परे पहचान है
भारत की शान है, वो वीर गढ़वाली जवान है ।
गम नहीं आहुत होने का भारत माँ तेरा प्रताप रहे
उन्नत बुलंद हो भारत मेरा, इस भुव अमिट छाप रहे
पहाड़ी पुत्र है सिंहनाद कर अरि मांदों पर झपटता है
शपथ लेता पुनीत गीता की गीत शौर्य के गाता है
राष्ट्र सुख शांति निमित वह एक कवच है परिधान है
भारत की शान है, वो वीर गढ़वाली जवान है ।
रंचना : बलबीर राणा 'अड़िग'
3 टिप्पणियां:
देश का हर सैनिक मातृभूमि का लाड़ला और बेशकीमती धरोहर है।
बहुत सुंदर देशभक्ति भावों से परिपूर्ण अभिव्यक्ति सर।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार २० दिसम्बर २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
राष्ट्र सुख शांति निमित वह एक कवच है परिधान है
भारत की शान है, वो वीर गढ़वाली जवान है ।
देशभक्ति की भावना जगातीं सुंदर पंक्तियाँ, गढ़वाली जवानों को शत शत नमन
देशभक्ति से ओतप्रोत सुंदर रचना
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