बल, भैजी कुछ नै तो, कुछ तो किया जाय,
चुनाव का मौसम है टिकट ही लिया जाय।
बसग्याळ में रगड़-बड़ हो तो हो,
सरकार का कैना तो माना जाय।
पैले तो होगी पदानचारी, खुल्लम-खुला,
नै तो फुल्ल-फ्लैस घपरौळ ही किया जाय।
मरद शीट नहीं है तो क्या हुआ,
मैला शीट पर ब्वारी को ही खड़ा किया जाय।
मेरा क्या ? फिर बोक लूंगा झंडा-डंडा,
पैले फलाने भैजी के वोट तो काटा जाय ।
बैठणे के लिए खीसे ही तो भराणा है? दिदा,
बैठ जाएंगे, काँ दिक्कत? पहले उठा तो जाय।
क्या करणा ? ठगाणा तो है ! विकास के नाम,
जो करणा, देख लेंगे, पहले ये तो किया जाय।
वोट ? वोट अपणे आप मिलेगा काँ जायेगा,
पैले पेटियों का इंतजाम तो किया जाय।
बैनर पर झुझारू, ईमानदार, कर्मठ के अलावा,
भुलाराम, पूर्व फलाना जरूर लिख्खा जाय।
कब तक रहूंगा सक्रीय बम कार्यकर्ता बन,
अब माननीय बनने के बाटे बम फोड़ा जाय।
बल, बड़े नेता बनने के लिए अडिग,
पैले सैंण के गोरू भेळ जरूर हकाया जाय।
@ बलबीर राणा 'अडिग'
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