धरा पर जीवन संघर्ष के लिए है आराम यहाँ से विदा होने के बाद न चाहते हुए भी करना पड़ेगा इसलिए सोचो मत लगे रहो, जितनी देह घिसेगी उतनी चमक आएगी, संचय होगा, और यही निधि होगी जिसे हम छोडके जायेंगे।
बहुत सुन्दर.....विचारणीय प्रश्न...अनु
Abhar Anu jee aapne choti soch ko saraha hai
एक टिप्पणी भेजें
2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर.....
विचारणीय प्रश्न...
अनु
Abhar Anu jee aapne choti soch ko saraha hai
एक टिप्पणी भेजें