गुरुवार, 15 अक्तूबर 2020

मिर्गी वाला

 

पहले गिरता

कटे पेड़ की तरह धड़ाम

फिर अंधड, जलजला

भूकंप, सुनामी

एक साथ थामता

पूरी विनाश लीला को

फिर !

उठ बैठता

शांत सील

जैसा कुछ हुआ ना हो

चुपचाप टटोलता है

बबंडर के अवशेष

शरीर पर।

इस सजा की किसी से

ना सिकवा न शिकायत

हाँ ! आतंकित करता

परिजनों को हमेशा के लिए

थमने का। 

 

@ बलबीर राणा अडिग

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