सोमवार, 17 जुलाई 2023

पर्वत गीत




वे नहीं समझते पर्वत को 

जो दूर से पर्वत निहारते हैं,

वे नहीं जानते पहाड़ों को

जो पहाड़ पर्यटन मानते हैं। 


पर्वत को समझना है तो 

पहाड़ी बनकर रहना होता,

पहाड़ के पहाड़ी जीवन को 

काष्ठ देह धारण करना होता।


जो ये चट्टाने हिमशिखर

दूर से मन को भा रही, 

ये जंगल झरने और नदियाँ  

तस्वीरों में लुभा रही, 

मिजाज इनके समझने को 

शीत तुषार को सहना होता।


पर्वत को समझना है तो......


इन वन सघनों की हरियाली  

जितना मन बहलाती है,

गाड़ गदनों की कल-कल छल-छल

जितना मन को भाती हैं,

मर्म इनके जानने हैं तो 

उकाळ उंदार नापना होता।


पर्वत को समझना है तो ......


सुंदर गाँव पहाड़ों के ये 

जितने मोहक लगते हैं, 

सीढ़ीनुमा डोखरे-पुंगड़े 

जितने मनभावन दिखते हैं, 

इस मन मोहकता को 

स्वेद सावन सा बरसाना होता।


पर्वत को समझना है तो ......


नहीं माप पहाड़ियों के श्रम का

जिससे ये धरा रूपवान बनी,

नहीं मापनी उन काष्ठ कर्मों की

जिससे ये भूमि जीवोपार्जक बनी,

इस जीवट जिजीविषा के लिए

जिद्दी जद्दोहद से जुतना होता।


पर्वत को समझना है तो ......


मात्र विहार, श्रृंगार रचने

पहाड़ों को ना आओ ज़ी,

केवल फोटो सेल्फी रिलों में 

पर्वतों को ना गावो ज़ी,

इन जंगलों के मंगल गान को 

गौरा देवी बनकर लड़ना होता।


पर्वत को समझना है तो ......


दूरबीनों से पहाड़ को पढ़ना

इतना आसान नहीं,

इस विटप में जीवन गढ़ना

सैलानियों का काम नहीं,

चल चरित्रों के अभिनय से आगे

पंडित नैन सिंह सा नापना होता। 


पर्वत को समझना है तो 

पहाड़ी बनकर रहना होता,

पहाड़ के पहाड़ी जीवन को 

काष्ठ देह धारण करना होता।


शब्दार्थ :-


गाड़ गादने - नदी  नाले

उकाळ उंदार - चढ़ाई उतराई

डोखरे पुंगड़े - खेत खलिहान


चिपको प्रेणता *गौरा दीदी* और महान हिमालय सर्वेरियर *पंडित नैन सिंह रावत* को समर्पित। 


@ बलबीर राणा 'अडिग'

मटई बैरासकुण्ड चमोली 





4 टिप्‍पणियां:

Anita ने कहा…

वाक़ई पहाड़ के लोगों का जीवन पहाड़ सा भारी होता है, उनके दुख कष्ट भी पहाड़ जैसे बड़े होते हैं, दो-चार दिन के लिये पहाड़ों पर घूमने आने वाले लोग कहाँ समझेंगे उनकी वास्तविकता, सुंदर सृजन!

Bharti Das ने कहा…

बहुत ही सुन्दर सृजन

रेणु ने कहा…

पर्वत को समझना है तो उसके पास जाकर उसके अस्तित्व को पढना होगा।बेहतरीन रचना बलबीर जी।'अडिग 'के लिए कवि 'अडिग 'का विस्तृत चिंतन।हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं 🙏

Onkar ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति