प्रीत का कैसे उपकार करूँ
प्रेम से बंधा प्रेमाहार दूँ
शुभ बोलो की शुभकामनायें
शब्दों से गुंथे शब्दाहार से
श्रिंगार करूँ
अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति
कैसे व्यक्त करूँ
नीरस जीवन को सदाबहार कीया तुने
बंजर दिल में फूल खिलाये
इन्ही फूलों से तेरा आंगन सजाऊँ
नौबहारों से सुसजित
जीवन खुशियों से सरोबार हो
यही कामना बार बार करूँ
बलबीर राणा "भैजी"
११ सितम्बर २०१२
११ सितम्बर २०१२
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