रविवार, 26 मई 2013

माँ भारती तेरे हम सच्चे सपूत



माँ भारती तेरे हम सच्चे सपूत
सुन्दर भविष्या तेरा संवार रहे।
बिक्रमादित्य, हरीशचन्द्र के पूत
सच्ची राज सेवा कर रहे।
पिच्तर सौ की थाली का,
शुक्ष्म भेाजन खा रहे।
शिरमोर बनाया जिन्होने,
उन्हीं को दो समृध रोटी का
मुँहताज बना रहे।
समृधी का उपहास कर,
32 रू में, विकाश का वैभव
खडा करना चाह रहे
नंगे अहिंसा के पुजारी का,
सपनो का राम राज्य,
फिर इस धरती पे ला रहे   
रचना - बलबीर राणा भैजी
27 सितम्बर 2012

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