बाल मन जाग उठा
आज फिर बाल मन जाग उठाअपने में ही हर्षित प्रशन्नचितयादें चिर काल कीस्मृतियाँ चलचित्र बनएक के बाद एकउभरती, आती-जातीमन पर लगी धूल हटती जातीऔर वो यादेंदिवास्वप्न बन के रह जातीमन.. उद्वेलितआज फिर बाल मन जाग उठा थाउसी जीवन में जाने को आतुर……………………बलबीर राणा "भैजी" २६ अगस्त २०१२
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