ज्यादा नी दौड़ छोरी
ज्वानी का उलार मां
खुटि सम्भाली धरण
माया का बजार मां
प्योंली सी पिंगलू गात तेरू
नी रैन्दू ढकेण मां
प्रेमी किरमुला चटकैला
झूटा प्यार का आड़ मा
ज्यादा नी दौड़ छोरी
ज्वानी का उलार मां
बुरांस सी होंटूडी अपणी
नी खोली जाण बेकार मा
रसिक भौंरा चूसला
रस तों कु लालच मा
ज्यादा नी दौड़ छोरी
ज्वानी का उलार मां
चार दिन की ज्वानी च
नी उडी जाण अका श मा
फथ भूय्यां पडेली
ब्यों हूण का द्वी शाल मा
ज्यादा नी दौड़ छोरी
ज्वानी का उलार मां
ज्यादा गुमान नी कन
रूप और श्रृंगार मा
त्वेन सुधी फंस जाण
अधूरा प्रेम का जाल मां
ज्यादा नी दौड़ छोरी
ज्वानी का उलार मां
28 फरवरी 2013
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